पूर्वोत्तर रेलवे के बेड़े में अब सात और ट्रेनें आ गई हैं। अभी तक उत्तर रेलवे के वाराणसी कैंट से चलने वाली ये ट्रेनें अब पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस स्टेशन से चलाई जाएंगी। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन पिछले एक साल से वाराणसी कैंट से देहरादून, दिल्ली, प्रतापगढ़ और मुंबई जाने वाली सात ट्रेनों को बनारस स्टेशन से चलाने के लिए रेलवे बोर्ड से सिफारिश कर रहा था।
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more... रेलवे बोर्ड ने मांग और बनारस स्टेशन पर बढ़ी हुई सुविधाओं को देखते हुए इन ट्रेनों को बनारस से चलाने के लिए मंजूरी दे दी गई है। अब जोन स्तर पर कुछ औपचारिकताएं होनी हैं।
जिसके बाद ट्रेनों का संचलन बनारस स्टेशन से होने लगेगा। मंडुआडीह स्टेशन का नाम अब बनारस स्टेशन है। इस स्टेशन पर हर तरह की सुविधाएं हैं। एक्जक्यूटिव लाउंस समेत वीवीआईपी रूम मौजूद है।
ये ट्रेनें आईं पूर्वोत्तर रेलवे में
14219 वाराणसी-लखनऊ एक्सप्रेस
22969 ओखा-वाराणसी एक्सप्रेस
11071 एलटीटी एक्सप्रेस
22407 आनंद विहार टर्मिनस
14265 देहरादून एक्सप्रेस
04267 प्रतापगढ़ एक्सप्रेस
अग्निपथ के विरोध प्रदर्शन से रेलवे को काफी चपत लगी है। बिहार अप-डाउन करने वाली 27 ट्रेनें शनिवार को निरस्त रहीं। वहीं, कैंट स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र पर टिकट निरस्त कराने वालों की लंबी लाइन लगी रही।
आरक्षण कर्मियों के अनुसार लगभग पांच लाख रुपये का टिकट रिफंड यात्रियों को लौटाया गया। इस दौरान टिकट निरस्त कराने वालों और आरक्षण कर्मियों में कई बार नोकझोंक भी हुई।
शुक्रवार से ज्यादा शनिवार को ट्रेनों के टिकट वापस कराने वालों की भीड़ स्टेशन पर रही। उधर, ट्रेनों के निरस्त होने से कई यात्रियों की परेशानियां भी बढ़ गईं।
बिहार और पूर्वांचल सहित अन्य जिलों में प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने ट्रेनों को निरस्त कर दिया। ट्रेनों के निरस्तीकरण को देखते हुए कैंट स्थित आरक्षण केंद्र, बनारस स्टेशन स्थित आरक्षण केंद्र सहित शहर के अन्य आरक्षण केंद्रों पर लोगों की टिकट रिफंड के लिए भीड़ उमड़ रही है।
सबसे ज्यादा टिकट वापसी पटना वाले रूट पर हुई। इसमें भी सिकंदराबाद दानापुर एक्सप्रेस के यात्री ज्यादा थे। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार के अनुसार वाया वाराणसी-पटना के रास्ते संचालित 27 ट्रेनों को रेलवे ने शनिवार को निरस्त कर दिया।
Jab prayagraj rambag via kachhwa muv section NER ka already hai or varanasi city se chhapra tak again NER ke pass hai to beech ke 2 station(bsb and bsbs) NR ko dene se khali blame game hi chalega dono zones ke beech.
Isse behtar poora NR lko div hi NER ko de do, poora ddu link cabin tak.
At least train timing kaa responsibility to kisi ke sar par rakh sakenge
बिल्कुल सही;
तब समझ में आएगा… 𝐍𝐄𝐑 को
Lko se ddu outer tak nr h to fir beech me Ner kanha se ghus gaya vaise bhi bsb nr ka earning bahut deta h ..plus staff ka bhi Nr me hi unka faida h ..
Nr ka earning ya staff ke fayde se mujhe koi matlab nahi hai. Passenger facilities and train timeliness ke maamle mein NR kamjor hai. bsb se ddu block hut cabin ke beech har train latki padi rahti hai...
On another thought, Rambag se Banaras wali line NER se Isolated hai to wo hai hi kyu NER ke paas? I mean it's not even in purvanchal.
It should be in NR.
शाहजहांपुर से बीसलपुर होते हुए पीलीभीत तक ट्रेनों का संचालन कराने और बीसलपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित कोयला डिपो हटाने की मांग को लेकर उद्योग व्यापार मंडल की अपील पर नगर के व्यापारियों ने शनिवार को पूरा बाजार बंद रखा। दोपहर लगभग 12:00 बजे से तहसील परिसर में इस मुद्दे को लेकर व्यापारी और नागरिक धरना देकर सभा करेंगे। भाजपा विधायक विवेक वर्मा भी इस धरना प्रदर्शन को संबोधित करेंगे।