Dainik Jagran : Varanasi Edition
वाराणसी-लखनऊ रेलखंड : बड़ौदा हाउस से हरी झंडी का इंतजार
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-बिजली से यात्री ट्रेनें चलाने का मसला, दौड़ती रहेंगी मालगाड़ियां
जागरण संवाददाता, वाराणसी : वाराणसी-सुल्तानपुर-उतरेटिया (लखनऊ) रेलखंड पर बिजली...
more... वाली मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों से यात्रा करने के लिए अभी और इंतजार करना होगा, वैसे मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं। यात्री ट्रेनों के लिए नई दिल्ली स्थित उत्तर रेलवे मुख्यालय बड़ौदा हाउस से अभी हरी झंडी नहीं मिली है। इस कारण फरवरी के प्रथम सप्ताह में इलेक्ट्रिक इंजन से यात्री ट्रेनें चलाने की योजना अभी और विलंबित होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि इलाहाबाद कुंभ मेला समाप्त होने के बाद ही बिजली से चलने वाली ट्रेनों में सफर का आनंद मिलेगा।
नई दिल्ली से शुक्रवार को मुख्य परिचालन प्रबंधक एसके चौधरी यहां आएंगे। कैंट स्टेशन, यार्ड व विद्युतीकरण का जायजा लेंगे, स्थानीय अधिकारियों से वार्ता करेंगे। वापस दिल्ली जाएंगे व महाप्रबंधक वीके गुप्ता को विद्युतीकरण की स्थिति से अवगत कराएंगे। तत्पश्चात यदि हरी झंडी मिली तो ही बिजली वाली ट्रेनें चलाई जाएंगी।
हालांकि मंडल रेल प्रबंधक जगदीप राय ने फरवरी के प्रथम सप्ताह में इलेक्ट्रिक इंजन से मेल व एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। लखनऊ व वाराणसी में विधिवत उद्घाटन की भी योजना बनी थी।
गौरतलब है कि सितंबर सन 2007 में मुगलसराय-लखनऊ रेल खंड का विद्युतीकरण शुरू हुआ। यह परियोजना दो वर्ष पहले पूरी होनी थी लेकिन 2500 वोल्ट की बिजली सप्लाई के लिए जगह जगह सबस्टेशन बनाने में अतिरिक्त समय लगा। कुछ फुटओवर ब्रिज भी समस्या थे।
एक नजर में विद्युतीकरण
-कार्यदायी संस्था इरकॉन
-कुल बजट 237.80 करोड़ रुपये
-रेलवे बोर्ड की स्वीकृति जुलाई 2006
-विद्युतीकरण का शुभारंभ सितंबर 2007
-कार्य पूर्ण होने का माह दिसंबर 2012
-सीआरएस का निरीक्षण जनवरी 2013
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